मेरीकहानीमेरी_जुबानी
यूपीएससी में 12वीं रैंक हासिल करने वाली बस्तर की नम्रता बोलीं- मुझे तो सिंगल डिजिट की उम्मीद थी
मुझे पता था कि जब 99 रैंक ला सकती हूं तो इस बार और बेहतर प्रदर्शन होगा। इवन मुझे तो सिंगल डिजिट की उम्मीद थी। खैर कोई बात नहीं। मैं खुश हूं। सिस्टम ऐसा है कि लास्ट टाइम 99 रैंक के बाद भी आईएएस नहीं मिला था। मैंने इस बार बहुत ही कॉन्फिडेंट होकर यूपीएससी अपीयर किया। इसके लिए मैं अपने पैरेंट्स, फ्रेंड्स, डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन दंतेवाड़ा के तत्कालीन ऑफिसर की बहुत शुक्रगुजार हूं। यह कहना है यूपीएससी में 12वीं रैंक हासिल करने वाली नम्रता जैन का। वे गीदम की रहने वाली हैं और इन दिनों मसूरी स्थित नेशनल पुलिस एकेडमी में आईबीटीपी फोर्स के साथ ट्रेनिंग कर रही हैं। शुक्रवार शाम नतीजे जारी होते ही नम्रता को बधाई देने का सिलसिला चल पड़ा। वहीं बिलासपुर के वर्णित नेगी ने 13 वां स्थान प्राप्त किया है, इनका आईएएस बनना भी तय है। लेकिन यहां तक का सफर तय करने के लिए नेगी को भी 2018 में मनचाहा रैंक नहीं मिला। 500 वां स्थान हासिल करने पर उन्होंने एक बार फिर से जोर आजमाने का बीड़ा उठाया। दूसरे प्रयास में 13 वीं रैंकिंग हासिल कर अपने सपने को पूरा किया है।
ट्रेनिंग करते हुए की तैयारी
नम्रता ने बताया कि ट्रेनिंग के साथ तैयारी करना डिफिकल्ट था। सुबह 4 से शाम 7 बजे तक ट्रेनिंग होती थी। मैं देर रात तक पढ़ाई करती थी। लेकिन एक बात है कि यदि आप कुछ करने के लिए फोकस्ड रहते हैं और तय कर लेते हैं कि यही चाहिए तो वह हासिल हो ही जाता है। आपका बैकग्राउंड क्या है ये मैटर नहीं करता। चूंकि मैंने दसवीं तक की पढ़ाई दंतेवाड़ा से की और 11वीं-12वीं छत्तीसगढ़ से ही किया। मायने ये रखता है कि आप अपने गोल्स को लेकर कितने फोकस्ड हैं। आप क्या सोचते हैं। आप क्या करना चाहते हैं और कितने जुनून से करना चाहते हैं। इसके बाद बाकी सारी बातें पीछे छूट जाती हैं कि आप कहां थीं और कैसे पढ़ाई की। मैं तो यह कहती हूं कि कैटीगरी भी मैटर नहीं करती। लास्ट टाइम मुझे 99 रैंक पर भी वह नहीं मिला जो चाहती थी। लेकिन हार्डवर्क के आगे कोई बात मायने नहीं रखती।
इंटरव्यू में पूछा गया माओवादा को कैसे मिटाएंगी
इंटरव्यू के दौरान नम्रता से पूछा गया कि आप छत्तीसगढ़ में माओवाद कैसे मिटाएंगी। इस पर नम्रता ने कहा कि वहां डवलपमेंट के साथ सिक्योरिटी लेकर चलना होगा। बच्चों और यूथ जो किसी कारण से भटक जाते हैं उन्हें पढ़ाया जाए तो यह समस्या सॉल्व हो सकती है।
अपने आस पास बहुत से ऐसे लोगों को देखा होगा, बहुत से ऐसे लोगों के बारें में सुना या पढ़ा होगा जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करते हैं, गरीबों की सेवा करते हैं, धर्म की दीवार को तोड़कर सभी धर्मों की एकता की बात करते हैं, गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं, अनाथ बच्चों की पढ़ाई या खाने पीने का खर्च उठाते हैं, जानवरों की सुरक्षा या देखभाल करते हैं, बहुत ही गरीबी या मुश्किल स्थिति से गुजरते हुए भी हार नहीं मान रहे हैं, कोई सुविधा न होने के बावजूद भी पढना नहीं छोड़ रहें हैं, सामाजिक सन्देश देने के लिए कोई नया काम कर रहे हैं, आदि आदि। इस पहल में उन सभी लोगों की जिंदगी से जुडी और प्रेरणादायक कहानी प्रस्तुत की जाएगी जो समाज के लिए एक प्रेरणा हैं या एक मिसाल हैं।
और इस शुरुआत का मकसद सिर्फ लोगों को दूसरों की मदद करने के लिये, मुश्किलों और निराशाओं से बाहर निकलने के लिए, अपनी और दूसरों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना हैं। और मुझे विश्वास हैं कि मेरा ये प्रयास अपने मकसद में जरुर सफल होगा।
अगर आपके आसपास भी ऐसा कोई शख्स है, ऐसा कोई उदाहरण है, जो किसी भी तरह से अपनी और दूसरों की जिंदगी में बदलाव ला रहा है और दूसरों के लिए एक प्रेरणा है और आप उस शख्स की प्रेरणादायक कहानी लोगो को बताना चाहते हैं तो अपनी एक फोटो और अपने बारे में थोड़ी जानकारी जैसे- आपका नाम, जगह, क्या करते हैं? आदि के साथ उस शख्स की कहानी और सम्बंधित Image हमें myselfdharm@gmail.com पर भेज सकते हैं। पसंद आने पर उस शख्स की कहानी आपके नाम और फोटो के साथ पोस्ट की जाएगी
“आप की कहानी, आप की ज़ुबानी। अपनी आपबीती हमें बताएँ, हम दुनिया को बताएँगे।”